ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क के नए सदस्यों में दो भारतीय वैज्ञानिक शामिल

Two Indian scientists included in the new members of EMBO Global Investigator Network

नई दिल्ली: 12 दिसंबर 2024 को यूरोपीय आणविक जीव-विज्ञान संगठन (ईएमबीओ) ने ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क के सबसे नए सदस्यों के रूप में ग्यारह जीव वैज्ञानिकों के चयन की घोषणा की। इनमें से पांच वैज्ञानिक भारत में स्थित हैं, और इन पांच में से दो वैज्ञानिक क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी), फरीदाबाद से हैं।

आरसीबी में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. प्रेम कौशल और डॉ. राजेंद्र मोतियानी को ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क के लिए चुना गया है।

डॉ. प्रेम कौशल का शोध रोगजनक सूक्ष्मजीवों, विशेष रूप से माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस और एंटामोइबा हिस्टोलिटिका में प्रोटीन संश्लेषण पर केंद्रित है।

डॉ. राजेंद्र मोतियानी का शोध त्वचा रंजकता में कैल्शियम संचालित इंटर-ऑर्गेनल क्रॉसटॉक की भूमिका को समझने पर आधारित है।
ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क चिली, भारत, सिंगापुर और ताइवान में युवा शोध समूहों का समर्थन करता है। ये नए शोधकर्ता जनवरी 2025 से अपना कार्य प्रारंभ करेंगे और लगभग 800 वर्तमान और पूर्व ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर, युवा अन्वेषणकर्ताओं और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ेंगे।

ईएमबीओ के निदेशक प्रो. फियोना वाट ने कहा, “हम नए ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर का स्वागत करते हैं। उनका शोध खोज की सार्वभौमिक भाषा का उल्‍लेख करता है और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विविध दृष्टिकोण प्रदान करता है। हम यूरोप और दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ उनके संबंधों का समर्थन करने में प्रसन्न हैं।”

नए ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर को स्थानीय और यूरोपीय वैज्ञानिकों के साथ नेटवर्किंग, सहयोग, और वैज्ञानिक बैठकों में भाग लेने के लिए चार वर्षों तक वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, वे ईएमबीओ द्वारा आयोजित लैब नेतृत्व प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों से भी लाभान्वित होंगे।

डॉ. मोतियानी ने पुरस्कार की सूचना मिलने पर कहा, “ईएमबीओ से यह प्रतिष्ठित फेलोशिप प्राप्त करके मैं अत्यंत उत्साहित हूं। मुझे दुनिया भर के कुछ सबसे प्रतिभाशाली जीवन विज्ञान शोधकर्ताओं के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा।” वहीं, डॉ. कौशल ने कहा, “हमारे शोध कार्य को मान्यता देने के लिए मैं ईएमबीओ का आभारी हूं। इससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने और आरसीबी में नई तकनीकें लाने में मदद मिलेगी।”

क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी), भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी अनुसंधान और उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन निर्माण में संलग्न है। 2016 में, आरसीबी को भारत की संसद द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।

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